
पहाड़ी गीतों के रचियता व गायक प्रताप चन्द शर्मा उर्फ प्रतापु का मंगलवार को प्रातः 9 बजकर 10 मिनट पर अपने निवास स्थान नलेटी में निधन हो गया. शर्मा का जन्म 23 जनवरी 1927 को परागपुर के समीप नलेटी गांव में हुआ था. प्रताप चन्द शर्मा को संगीत की प्रेरणा अपने पिता से विरासत में मिली थी. कथा कीर्तनों में धार्मिक गीत और लोक गीत गाते-गाते वह लोक सम्पर्क विभाग के सबसे पसंदीदा गायक बन गए थे. इससे पूर्व इन्होंने मजदूरी करके भी जीवन यापन किया. शर्मा ने लगभग 200 पहाड़ी गीत लिखे व उन्हें स्वंय ही गाया. इनका मशहूर गीत जो इन्होंने खुद ही लिखा व गाया है, 'झुलदे चिलां दे डारु, जीणा कांगड़े दा....' जो कि हिमाचल का अमर लोक गीत बन गया. वहीं जे "तू चल्ला नेफा नोकरी, मेरे गले दे हारे लैंदा जायां" और दो नारा आदि कई लोक गीत गाए. उनके पौत्र रोहित शर्मा ने बताया कि उनके दादा जी का अंतिम संस्कार बुधवार को कालेश्वर धाम में होगा. (रिपोर्ट- ब्रजेश्वर साकी)
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