
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों स्वाइन फ्लू के कहर से टांडा मेडिकल कॉलेज जूझ रहा हो, लेकिन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की सांकेतिक हड़ताल से मरीजों और तीमारदारों की कंपकंपी छूटने लगी है. हाल ही में कांगड़ा में स्वाइन फ्लू की बदौलत 7 मरीजों को जान गंवानी पड़ी है, जबकि 160 के करीब मरीज टांडा मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू के संभावित हैं. ऐसे में डॉक्टर्स द्वारा अपनी मांगों को लेकर की जाने वाली हड़तालों से सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो चुका है. दरअसल आरडीए का कहना है कि सरकार मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे डॉक्टर्स को तभी डिग्रियां देगी जब वो 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरेंगे जो कि सरासर युवाओं के साथ अन्याय है. आरडीए के अध्यक्ष डॉ. अमित राणा ने बताया कि सरकार ने अपनी नीति को वापस नहीं लिया तो अभी वो संकेतिक हड़ताल पर हैं, लेकिन आगे इससे भी बड़ा आंदोलन होगा.
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