
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में शक्ति, भक्ति और आस्था का संगम हर जगह देखने को मिलता है. ऐसी ही आस्था नजारा मंगलवार को देखने को मिला, जहां एक ज्योतिर्लिंग स्थापित करने के लिए लोग 1600 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर रहे हैं. देवभूमि हिमाचल सच में देवी देवताओं का स्थान है. यहां रहने वाले लोगों की उनसे आस्थाएं जुड़ी हैं. सिरमौर के नोहराधार क्षेत्र के चोकर गांव के लोगों की आस्था इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. गांव के 35 लोग अपना कामकाज छोड़कर मध्य प्रदेश के उज्जैन से पैदल मंगलेश्वर ज्योतिर्लिंग लाकर गांव के लिए रवाना हुए हैं. 15 जनवरी को चोकर व भंगाडी गांव से यह लोग नर्मदा व कावेरी नदी के संगम तक गए हैं. 3 दिनों में यह लोग 400 किलोमीटर सफर तय कर चुके हैं. वापसी में लोग ज्योतिर्लिंग को पालकी में उठाकर पैदल सफर कर रहे हैं. यही नहीं, यह पालकी को नीचे जमीन पर भी नहीं रखते. बारी बारी से पालकी को उठाए रखते हैं. बताया कि अपने गांव पहुंचने में इन लोगों को करीब 25 दिन का समय लग जाएगा. यह ज्योतिर्लिंग केन्था गांव में स्थापित करना चाहते हैं.
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