उड़ा ओ मेरी ओ कुंजड़ी ओ बर सा दिहाडे मेरे रामा जिंदेया रे मेले सावन की झम-झम बूंदों के दौरान कुंज (सफेद हंस) के आगमन पर गाए जाने वाला ये गीत देश, प्रदेश और जिले में काफी प्रसिद्ध हैं।
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Monday, November 11, 2019
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» हिमाचल: कुंजड़ी मल्हार को प्रसिद्धि दिलाने वाले लोक कलाकार घर में उपेक्षा का शिकार
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