दरअसल, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पहली से आठवीं तक बिना फेल किए अगली कक्षा में भेजने की व्यवस्था थी, जिससे हालात यह हो गए थे कि आठवीं का छात्र पांचवीं कक्षा के प्रश्न तक हल नहीं कर पा रहा था.from Latest News हिमाचल प्रदेश News18 हिंदी http://bit.ly/2WpZGQx








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