
हिमाचल प्रदेश में दो दिन पहले हुई ओलावृष्टि ने सेब बागवानों की चिंता बढ़ा दी है. शिमला, कुल्लू और मंडी के बागवानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. राज्य के अधिकतर इलाकों में फ्लावरिंग पीक प्वाइंट पर है और कम उंचाई वाले इलाकों में सेब की सेटिंग लगभग हो गई है. ऐसा नजर आ रहा था कि इस बार बंपर फसल होगी लेकिन मौसम ने बागवानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. भारी ओलावृष्टि से करोड़ों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है. अपर शिमला के कुछ इलाकों में करीब 25 मिनट तक लगातार ओले गिरे. कई स्थानों पर हेल नेट तक टूट गए हैं. इस बाबतकिसान संघर्ष समिति ने सरकार से यह मांग की है कि ओलावृष्टि को मौसम आधारित बीमा में आपदा के रूप में शामिल किया जाए ताकि बागवानों को उचित मुआवजा मिल सके. इस बाबत माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.
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