लोक कलाकार सुनील राणा की मानें तो ये वक्त उन सरीखे कई कलाकारों के लिए किसी अपातकाल से कम नहीं है. उनका कहना है कि अगर इस वक्त लोक संस्कृति को सहेजने की दिशा में सरकारों की ओर से कारगर कदम नहीं उठाए गए तो इससे हमारी संस्कृति पतन और लुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगी.from Latest News हिमाचल प्रदेश News18 हिंदी https://ift.tt/2NwEd0h








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