कुल्लू जिले के दूर दराज के प्राइमरी व मिडिल स्कूल में सैंकड़ों शिक्षकों के पद खाली पड़े है, जिसके चलते बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है. जिले के कई स्कूलों में एक शिक्षक के सहारे ही स्कूल चल रहा है. कुल्लू जिले के सैंज घाटी के दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से खाली पदों को भरने की मांग की है. बागीशिआड़ी, मैल, शाक्टी, लपाह, धाटा, नेऊली, नौराली, बडे़इठा में एक-एक शिक्षक के सहारे ही प्राइमरी और मिडिल स्कूल चलाए जा रहे है. एक ही शिक्षक को ऑफिस के कार्य के साथ साथ बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा संभालना पड़ रहा है. प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्बाल ने बताया कि पिछले सात आठ वर्षों में 6500 शिक्षकों के खाली पदों को भरा गया है और आने वाले समय में और 4500 शिक्षकों के पद भरे जाएंगे.from Latest News हिमाचल प्रदेश News18 हिंदी http://bit.ly/2JGG5W4











हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग के सेब बागवान मौसम आधारित फसल बीमा योजना को लूट की योजना करार दे रहे हैं. बागवानों का कहना है कि कंपनी प्रीमियम तो काट लेती है लेकिन क्लेम नहीं देती है. यही वजह है कि बागवान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. यही वजह है कि ठियोग के मतियाना में माकपा विधायक राकेश सिंघा के नेतृत्व में बागवान एकजुट हुए. बागवानों का कहना है कि हर साल फ्लावरिंग से लेकर सेब सेटिंग तक खराब मौसम और ओले की मार पड़ती है, जिसके चलते हमारा लाखों का नुकसान होता है. इस योजना का आलम यह है कि बीमा के नाम पर हर साल बीमे का प्रीमियम काट लिया जाता है पर मुआवजे के नाम पर बागवानों को ठेंगा दिखाया जाता है. बागवानों से बीमे की प्रीमियम 4 हजार से लेकर 18 हजार रूपए तक काटे जाते हैं.
वीरभद्र सिंह, पूर्व सीएम ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा की जीत संदेह के घेरे में है. मैने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसा खेल कभी नहीं देखा है.
